Thursday, November 28, 2024

तिर्यक ताड़ासन क्या है? तिर्यकताड़ासन करने की सरल विधि, विशेष लाभ व करने से पहले और करते समय की कुछ सावधानियां

 तिर्यकताड़ासन

 



तिर्यक ताड़ासन क्या है :-

 तिर्यक ताड़ासन खड़े होकर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण योगासन हैइसे पाम ट्री  पोज साइड बेंड भी कहा जाता है इसे योग मुद्रा भी कहते है जो ताड़ासन के समान है, लेकिन इसमें शरीर को एक तरफ झुकाया जाता है। यह मुद्रा संतुलन, लचीलेपन और शरीर की स्थिरता में सुधार करने में मदद करती है।

तिर्यकताड़ासन करने की सरल विधि :-


1. खुली और हवादार जगह पर ताड़ासन की अवस्था में खड़े हो जाएं  

2. दोनों पैरों के बीच थोड़ा गैप रखें और पैर बिल्कुल सीधे हों 

3. दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें 

4. इन्हें सिर के ऊपर उठाएं और हाथों को ऊपर की ओर खींचें 

5. सांस भरते हुए शरीर को कमर से दाईं ओर झुकाएं 

6. इस स्थिति में कुछ पल रुकने की कोशिश करें 

7. फिर वापस पहले की स्थिति में आ जाएं 

8. ऐसा दोनों तरफ़ लगभग 10-10 बार करें

 

तिर्यक ताड़ासन करने के फायदे :-


 1. शरीर को संतुलन और स्थिरता में सुधार: यह आसन शरीर की संतुलन और स्थिरता में सुधार करने में मदद करती है।

 2. लचीलेपन में वृद्धि: तिर्यक ताड़ासन शरीर को एक तरफ झुकाने से लचीलेपन में वृद्धि होती है।

 3. रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाना: यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करती है।

 4. पैरों और घुटनों को मजबूत बनाना: तिर्यक ताड़ासन पैरों और घुटनों को मजबूत बनाने में मदद करती है।

 5. मोटापा कम करना: मोटापा कम करने में मदद मिलती है

 6. मानसिक स्थिरता में सुधार: तिर्यक ताड़ासन मानसिक स्थिरता में सुधार करने में मदद करती है।

 7. तनाव और चिंता कम करना: यह मुद्रा तनाव और चिंता कम करने में मदद करती है।

 8. पाचन तंत्र में लाभ: पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है 

 9. फेफड़े और हृदय में लाभ: फेफड़े और हृदय के लिए फ़ायदेमंद होता है 

 10. शरीर की लंबाई बढाना: शरीर की लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है 

 11. एंजाइटी और डिप्रेशन से राहत: एंजाइटी और डिप्रेशन से राहत मिलती है 

 12 शरीर सुडौल बनता: शरीर सुडौल बनाने में काफी मदद मिलती है  

 13. एकाग्रता में वृद्धि: एकाग्रता में वृद्धि होती है 

 14. लोअर बॉडी में मज़बूती: लोअर बॉडी में मज़बूती बढ़ती है

 

 तिर्यक ताड़ासन करने से पहले और करते समय की कुछ सावधानियां :-

 

 1. गर्भवती महिलाएं इस मुद्रा को न करें, क्योंकि इससे गर्भस्थ शिशु को नुकसान हो सकता है।

 2. यदि आपको कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी की समस्या है, तो इस मुद्रा को करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

 3. उच्च रक्तचाप वाले लोगों को इस मुद्रा को करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

 4. यदि आपको घुटनों या पैरों में चोट है, तो इस मुद्रा को करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

 5. इस मुद्रा को करते समय संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है, इसलिए ध्यान से करें।

 6. यदि आपको चक्कर आने या सिर घूमने की समस्या है, तो इस मुद्रा को करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

 7. इस मुद्रा को करते समय श्वास पर ध्यान दें और सामान्य श्वास लें।

 8. यदि आपको कोई असुविधा या दर्द महसूस होता है, तो तुरंत मुद्रा छोड़ दें।

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