Thursday, July 31, 2025

त्रिकोणासन क्या है? त्रिकोणासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 

त्रिकोणासन क्या है? त्रिकोणासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

त्रिकोणासन क्या है?

त्रिकोणासन (Trikonasana) एक लोकप्रिय योगासन है जिसका नाम संस्कृत शब्दों "त्रिकोण" (त्रिभुज) और "आसन" (स्थिति) से बना है। इस आसन में शरीर एक त्रिभुज (triangle) के आकार में होता है, इसलिए इसे त्रिकोणासन कहा जाता है।

  

                त्रिकोणासन


🧘‍♂️ त्रिकोणासन करने की सरल विधि:

  1. स्थिति (Starting Position): सीधे खड़े हो जाएँ, दोनों पैरों के बीच लगभग 3 से 4 फीट की दूरी रखें।
  2. हाथ फैलाएँ: दोनों हाथों को कंधों के समांतर फैलाएं, हथेलियाँ नीचे की ओर रहें।
  3. पैरों की स्थिति:
    • दाएँ पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर घुमाएँ।
    • बाएँ पैर को थोड़ा अंदर की ओर रखें।
  4. श्वास बाहर छोड़ते हुए:
    • शरीर को दाईं ओर झुकाएं।
    • दाएँ हाथ को नीचे की ओर ले जाकर दाएँ पैर की उँगलियों को छुएँ (यदि संभव हो), या टखने/पिंडली पर रखें।
    • बायाँ हाथ सीधा ऊपर की ओर रहे और गर्दन को मोड़कर ऊपर देखें।
  5. स्थिति बनाए रखें: इस स्थिति में 15 से 30 सेकंड तक रहें। धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है।
  6. वापस आएँ: श्वास लेते हुए धीरे-धीरे शरीर को सीधा करें और हाथों को नीचे लाएँ।
  7. दूसरी ओर दोहराएँ: अब यही प्रक्रिया बाएँ ओर करें।

त्रिकोणासन के विशेष लाभ:

  1. रीढ़ की लचीलापन बढ़ाता है।
  2. कमर और कूल्हों की चर्बी कम करने में मददगार।
  3. पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
  4. घुटनों, टखनों और जाँघों को मजबूत बनाता है।
  5. तनाव और चिंता को कम करता है।
  6. संतुलन और स्थिरता बढ़ाता है।
  7. गर्दन, पीठ और कंधों की जकड़न को दूर करता है।

⚠️ सावधानियाँ:

  1. स्लिप डिस्क या पीठ में दर्द हो तो यह आसन चिकित्सक की सलाह से करें।
  2. लो ब्लड प्रेशर या माइग्रेन की स्थिति में सावधानी रखें।
  3. गर्भवती महिलाएँ इसे केवल प्रशिक्षित योगाचार्य की देखरेख में करें।
  4. झटका न लगाएँ, धीरे-धीरे शरीर को मोड़ें।
  5. अगर गर्दन में दर्द हो तो ऊपर न देखें, सीधे सामने देखें।

🔚 निष्कर्ष:

त्रिकोणासन एक सरल लेकिन प्रभावशाली योगासन है जो शरीर में संतुलन, लचीलापन और ऊर्जा को बढ़ाता है। यह आसन नियमित रूप से करने से शरीर के कई हिस्सों में खिंचाव आता है और मानसिक तनाव भी कम होता है। हालाँकि, इसे करते समय शरीर की सीमाओं का ध्यान रखना आवश्यक है और किसी भी समस्या में विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होता है।

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