उत्थित लोलासन क्या है? उत्थित लोलासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 

उत्थित लोलासन क्या है? उत्थित लोलासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 

उत्थित लोलासन (Utthita Lolasana) एक योगासन है जिसमें शरीर को खड़े होकर आगे झुकाया जाता है और दोनों हाथों को ढीला छोड़कर हिलाया जाता है, जैसे लटकती हुई लटकन (pendulum)। यह आसन विशेष रूप से रीढ़, कंधे और मानसिक तनाव को मुक्त करने में सहायक है। "उत्थित" का अर्थ है खड़ा होना, और "लोल" का अर्थ है ढीला व झूलता हुआ

                                        उत्थित लोलासन


1. उत्थित लोलासन करने की सरल विधि

  1. प्रारंभिक स्थिति
    • सीधे खड़े हों, दोनों पैर कंधे की चौड़ाई पर रखें।
    • हाथ शरीर के बगल में ढीले रखें।
  2. आसन में प्रवेश
    • धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से आगे झुकें,
    • घुटनों को थोड़ा ढीला रखें (पूरी तरह सीधा न करें)।
    • दोनों हाथों को ढीला छोड़ दें, ज़मीन की ओर लटकने दें।
  3. लोलासन गति
    • शरीर को थोड़ा-सा आगे-पीछे या दाएँ-बाएँ हल्के से झुलाएँ,
    • गर्दन, कंधे और हाथ पूरी तरह शिथिल हों।
    • श्वास को सामान्य और सहज रखें।
  4. वापस आने की प्रक्रिया
    • झूलना रोकें,
    • धीरे-धीरे सांस लेते हुए कशेरुकाओं को क्रम से सीधा करते हुए खड़े हो जाएँ।
    • सिर को सबसे अंत में उठाएँ।

समय – 30 सेकंड से 2 मिनट तक, अपनी क्षमता अनुसार।


2. विशेष लाभ

  • रीढ़ की थकान दूर करता हैदिनभर बैठने/खड़े रहने से हुई जकड़न कम करता है।
  • कंधे और गर्दन का तनाव घटाता हैकंप्यूटर, मोबाइल या तनाव से हुई जकड़न में राहत।
  • रक्त संचार बढ़ाता हैमस्तिष्क तक रक्त प्रवाह बढ़ने से ताजगी महसूस होती है।
  • मन को शांत करता हैचिंता और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक।
  • पीठ के निचले हिस्से को आराम देता हैहल्का स्ट्रेच और दबाव कम।

3. सावधानियाँ

  • उच्च रक्तचाप, चक्कर या वर्टिगो की समस्या होने पर धीरे-धीरे करें और सिर नीचे अधिक देर न रखें।
  • गर्भावस्था के दौरान न करें।
  • पीठ या रीढ़ में गंभीर चोट हो तो अभ्यास से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
  • झुलाते समय जोर न लगाएँ, गति स्वाभाविक रखें।

4. निष्कर्ष

उत्थित लोलासन एक सरल, सुरक्षित और तुरंत आराम देने वाला आसन है, जो खासकर थकान, तनाव और पीठ-गर्दन की जकड़न दूर करने में उपयोगी है। यह किसी भी उम्र में, थोड़ी सावधानी के साथ, रोज़मर्रा के जीवन में शामिल किया जा सकता है।

 

विपरीत वीरभद्रासन क्या है? विपरीत विरभद्रासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

  विपरीत वीरभद्रासन क्या है ? विपरीत विरभद्रासन करने का सरल विधि , विशेष लाभ , सावधानी और निष्कर्ष   विपरीत वीरभद्रासन ( Reverse Warrio...