पर्वत आसन क्या है? पर्वत आसन बैठ कर करने वाला का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

पर्वत आसन क्या है? पर्वत आसन बैठ कर करने वाला का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

पर्वतासन (Parvatasana)
पर्वत” का अर्थ है पहाड़ और “आसन” का अर्थ है बैठने की स्थिर स्थिति। इस आसन में शरीर का आकार पहाड़ जैसा स्थिर व ऊर्ध्वगामी प्रतीत होता है। यह आसन अधिकतर बैठकर किया जाता है और ध्यान, प्राणायाम या अन्य साधना के लिए भी उपयुक्त है।

पर्वतासन



🌿 पर्वतासन की सरल विधि (बैठकर करने की विधि)

  1. सुखासन, पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठ जाएँ।
  2. रीढ़ को सीधा रखें और गर्दन भी सीधी रखें।
  3. श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सामने से ऊपर उठाएँ।
  4. हथेलियाँ एक-दूसरे से मिलाकर सीधी ऊपर की ओर खींचें।
  5. कंधे कानों से दूर रखें और हाथ जितना हो सके उतना ऊपर खिंचाएँ।
  6. पूरे शरीर को ऊपर की ओर खिंचाव दें, मानो आसमान की ओर फैल रहे हों।
  7. इस स्थिति में सामान्य श्वसन करते हुए 10–30 सेकंड तक रुकें।
  8. धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएँ और विश्राम करें।
  9. इसे 2–3 बार दोहराएँ।

🌟 पर्वतासन के लाभ

  • रीढ़ की हड्डी, कंधे और भुजाओं को मजबूत और लचीला बनाता है।
  • शरीर में खिंचाव लाकर थकान व जकड़न दूर करता है।
  • कंधों व पीठ की अतिरिक्त चर्बी घटाने में सहायक।
  • श्वसन तंत्र को मजबूत करता है, फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है।
  • ध्यान और प्राणायाम से पहले करने पर एकाग्रता व शांति प्रदान करता है।
  • लंबाई (height) बढ़ाने में बच्चों व किशोरों को लाभकारी।
  • रक्त संचार को संतुलित करता है और मानसिक तनाव घटाता है।

⚠️ सावधानियाँ

  • जिन्हें उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या चक्कर की समस्या हो, वे इसे अधिक देर तक न करें।
  • हाथ, कंधे या गर्दन में चोट/सर्जरी होने पर अभ्यास न करें।
  • खिंचाव को अपनी क्षमता से अधिक न दें।
  • गर्भवती महिलाएँ बिना योग शिक्षक की देखरेख के न करें।

निष्कर्ष

पर्वतासन एक सरल, बैठकर करने वाला आसन है जो शरीर को ऊर्जावान, रीढ़ को सीधा और मन को स्थिर करता है। यह प्राणायाम और ध्यान के लिए शरीर को तैयार करने वाला श्रेष्ठ आसन है। नियमित अभ्यास से शारीरिक लचीलापन, मानसिक एकाग्रता और शांति प्राप्त होती है।

 

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