बद्ध कोणासन क्या है? बद्ध कोणासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
बद्ध कोणासन
(Baddha
Konasana)
संस्कृत में "बद्ध" का अर्थ है बंधा हुआ (Bound), "कोण" का अर्थ है कोण (Angle) और "आसन" का अर्थ है बैठने की योग मुद्रा (Posture)।
इसे तितली आसन (Butterfly Pose) या कपोतासन (Cobbler’s Pose) भी कहते हैं।
1. बद्ध कोणासन करने की सरल विधि
1. किसी समतल जगह पर योगा मैट बिछाकर
सीधे बैठ जाएँ।
2. दोनों पैरों को सामने फैलाएँ।
3. अब घुटनों को मोड़कर दोनों पैरों
के तलवों को आपस में मिलाएँ।
4. एड़ी और पंजे को शरीर के जितना पास
ला सकें उतना लाएँ।
5. दोनों हाथों से पंजों या अंगूठों
को मजबूती से पकड़ें।
6. पीठ व गर्दन सीधी रखें और कंधों को
ढीला छोड़ें।
7. धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए आगे की
ओर झुकें। इसमें हांथ को पंजो को पकड़ करके भी कर सकते है या हांथ को आगे लेते हुए भी
कर सकते है
8. श्वास लेते हुए धीरे-धीरे वापस
आयें और पैरों को सीधा कर आसन समाप्त करें।
2. बद्ध कोणासन के विशेष लाभ
✅ पाचन में
सुधार – गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं में सहायक।
✅ गर्भवती
महिलाओं के लिए उपयोगी – श्रोणि (Pelvic) क्षेत्र की मांसपेशियों को मज़बूत
करता है और प्रसव को सहज बनाता है।
✅ प्रजनन
अंगों को लाभ – पुरुषों व महिलाओं दोनों के प्रजनन
स्वास्थ्य को सहारा देता है।
✅ कमर और
कूल्हों की लचीलापन – हिप्स, जांघ और ग्रोइन क्षेत्र की जकड़न
को खोलता है।
✅ मानसिक
शांति – नियमित अभ्यास से तनाव और थकान दूर
होती है।
✅ सियाटिका और
पीठ दर्द में राहत – रीढ़ की हड्डी और निचले हिस्से को
आराम देता है।
3. सावधानियाँ
⚠️ यदि घुटने या कूल्हे में गंभीर चोट है तो यह आसन न करें।
⚠️ रीढ़ की
गंभीर समस्या (स्लिप डिस्क) वाले विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
⚠️ गर्भवती महिलाएँ केवल योग शिक्षक या डॉक्टर की सलाह
से करें।
⚠️ आसन करते
समय ज़बरदस्ती न करें, पैरों को जितना आराम से लाया जा
सके उतना ही लाएँ।
4. निष्कर्ष
बद्ध कोणासन
एक सरल लेकिन प्रभावी योगासन है जो शरीर को लचीला, पाचन को दुरुस्त और मानसिक शांति
प्रदान करता है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है क्योंकि यह
गर्भावस्था और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं में मदद करता है। नियमित अभ्यास से यह
आसन स्वास्थ्य और संतुलन बनाए रखने में सहायक है।