जानू शीर्षासन क्या है? जानू शीर्षासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 जानू शीर्षासन क्या है? जानू शीर्षासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

जानू शीर्षासन (Janu Sirsasana)
            संस्कृत में "जानु" का अर्थ है घुटना और "शीर्ष" का अर्थ है सिर। अतः जानू शीर्षासन का शाब्दिक अर्थ है – घुटने से सिर मिलाना वाला आसन। यह एक बैठकर किया जाने वाला आगे झुकने वाला योगासन है, जिसमें एक पैर सीधा रहता है और दूसरा मोड़कर उसकी एड़ी जांघ या नाभि के पास रखी जाती है। फिर धड़ को आगे झुकाकर माथे या नाक को घुटने से स्पर्श कराने का प्रयास किया जाता है।

जानू शीर्षासन  
     


जानू शीर्षासन करने की सरल विधि (Step by Step)

1.     योगासन की शुरुआत दंडासन (पैर सीधे आगे फैलाकर बैठना) से करें।

2.     दायें पैर को मोड़ें और उसकी एड़ी को बायीं जांघ के अंदरूनी भाग से लगाएँ।

3.     रीढ़ सीधी रखते हुए श्वास भरें और दोनों हाथों को ऊपर उठाएँ।

4.     श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे झुकें और दोनों हाथों से बाएँ पैर के पंजे या टखने को पकड़ें।

5.     प्रयास करें कि आपका नाक या माथा बाएँ घुटने से छू सके।

6.     इस स्थिति में 20–30 सेकंड तक सामान्य श्वास लेते हुए रहें।

7.     धीरे-धीरे वापस आकर दंडासन में आएँ।

8.     यही प्रक्रिया दूसरी ओर (बाएँ पैर को मोड़कर) दोहराएँ।


विशेष लाभ (Benefits)

  • रीढ़ की लचीलेपन को बढ़ाता है और पीठ दर्द में राहत देता है।
  • जांघ, हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों को खींचता व मजबूत करता है।
  • पाचन तंत्र को सुधारता है, कब्ज व गैस की समस्या कम होती है।
  • मन को शांत करता है, तनाव व चिंता को कम करता है।
  • किडनी, लिवर और प्रजनन अंगों को सक्रिय करता है।
  • मधुमेह रोगियों के लिए उपयोगी (अग्न्याशय को उत्तेजित करता है)।
  • महिलाओं में मासिक धर्म की असुविधाओं को कम करता है।

सावधानी (Precautions)

  • स्लिप डिस्क या गंभीर कमर दर्द वाले लोग सावधानी बरतें।
  • घुटनों में चोट या दर्द हो तो पैर मोड़कर न करें।
  • गर्भवती महिलाएँ इसे न करें।
  • शुरुआत में घुटने से सिर न लगे तो ज़ोर न डालें, जितना आराम से हो सके उतना ही झुकें।
  • अभ्यास हमेशा खाली पेट या भोजन के 3-4 घंटे बाद करें।

निष्कर्ष (Conclusion)

जानू शीर्षासन एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावी आसन है जो शरीर की लचक, पाचन और मानसिक शांति को बढ़ाता है। यह आसन उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो लंबे समय तक बैठते हैं और जिनकी रीढ़ व हैमस्ट्रिंग अकड़ जाती है। नियमित और सावधानीपूर्वक अभ्यास से यह आसन सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।

 

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