सरल मत्यासन क्या है? सरल मत्यासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
सरल
मत्स्यासन (Simple
Fish Pose) योग का एक
आसान और आरामदायक संस्करण है, जो रीढ़, छाती और गर्दन के लिए लाभकारी माना
जाता है। यह पारंपरिक मत्स्यासन का सरल रूप है, जिसमें कम लचीलापन और अभ्यास वाले लोग भी आसानी से कर
सकते हैं।
सरल मत्स्यासन |
सरल मत्स्यासन करने की सरल विधि
- स्थिति
बनाना
- सबसे
पहले समतल योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों
पैरों को सीधा रखें और हाथों को शरीर के पास रखें।
- हथेलियों
की स्थिति
- दोनों
हाथों को जांघों के नीचे या कूल्हों के नीचे इस तरह रखें कि हथेलियां नीचे
की ओर हों।
- छाती
और गर्दन उठाना
- धीरे-धीरे
सांस अंदर लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं।
- सिर को
पीछे की ओर झुकाएं और सिर का मध्य भाग (crown) या पीछे का हिस्सा जमीन को हल्के से छूने दें।
- सांस व
स्थिति
- इस
मुद्रा में 20–30
सेकंड
सामान्य श्वास लेते हुए रहें।
- सांस
छोड़ते हुए धीरे-धीरे वापस आएं और रिलैक्स करें।
विशेष लाभ
- फेफड़ों
की क्षमता बढ़ाता है – गहरी सांस लेने की क्षमता और ऑक्सीजन आपूर्ति
बेहतर होती है।
- थायरॉइड
और पैराथायरॉइड को उत्तेजित करता है – गले के क्षेत्र में रक्त संचार सुधरता है।
- कंधे
और गर्दन में तनाव कम करता है – लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल उपयोग से हुए
दर्द में राहत।
- पाचन
में सुधार – पेट के
अंगों पर हल्का खिंचाव पाचन क्रिया को सक्रिय करता है।
- रीढ़
की लचीलापन – ऊपरी
पीठ और छाती का फैलाव, झुकाव
की कमी दूर करता है।
सावधानी
- गर्दन
में गंभीर दर्द, स्लिप
डिस्क, सर्वाइकल
स्पॉन्डिलाइटिस या हाल की सर्जरी वाले लोग न करें।
- उच्च
रक्तचाप, हार्ट की
गंभीर समस्या होने पर केवल चिकित्सक/योग शिक्षक की देखरेख में करें।
- सिर को
पीछे झुकाते समय ज़ोर न दें, धीरे-धीरे ही जाएं।
निष्कर्ष
सरल
मत्स्यासन एक आसान, सुरक्षित और प्रभावी योगासन है, जो छाती खोलने, श्वसन सुधारने और गर्दन-रीढ़ की
लचक बढ़ाने में मदद करता है। इसे सुबह खाली पेट या हल्के नाश्ते के 3–4 घंटे बाद करना लाभकारी है। नियमित
अभ्यास से श्वसन स्वास्थ्य और शरीर की लचीलापन में स्पष्ट सुधार देखा जा सकता है।