दण्डासन क्या है? दण्डासन करने की सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
दण्डासन
क्या है?
दण्डासन
(Dandasana) एक
सरल लेकिन प्रभावी योगासन है जिसे अंग्रेजी में Staff
Pose कहा जाता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा करने, शरीर
की मुद्रा सुधारने और ध्यान की तैयारी के लिए आधार तैयार करता है। “दण्ड” का अर्थ
होता है “छड़ी” या “सीधी लकड़ी”, और इस आसन में शरीर एक सीधी छड़ी के समान होता
है
दण्डासन करने की सरल विधि
1. ज़मीन पर चटाई बिछाकर सीधे बैठ
जाएँ।
2. दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा
फैला लें, घुटनों को मोड़े नहीं।
3. दोनों हाथों को शरीर के बगल में
रखें, हथेलियाँ ज़मीन पर टिकी हों।
4. पीठ, गर्दन और सिर को पूरी तरह सीधा रखें।
5. पैरों की एड़ियाँ और पंजे पास-पास रखें, पंजे ऊपर की ओर खिंचे हों।
- सांस सामान्य रखें और इस
स्थिति में कुछ समय तक स्थिर रहें (20-30 सेकंड से शुरू कर सकते हैं)।
दण्डासन के विशेष लाभ
- रीढ़ की हड्डी, कंधे और छाती को मजबूत करता
है।
- शरीर की मुद्रा (posture) को सुधरता है।
- पाचन तंत्र को सक्रिय करता
है।
- पीठ दर्द और स्लिप डिस्क में
राहत देता है (अन्य आसनों के साथ मिलाकर)।
- पैरों और कूल्हों की नसों को
सक्रिय करता है।
- मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता
है।
सावधानियाँ
- जिन लोगों को पीठ के निचले
हिस्से में तेज दर्द है, वे डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह से ही करें।
- यदि हैमस्ट्रिंग (जांघ के
पिछले हिस्से) में खिंचाव है, तो धीरे-धीरे अभ्यास करें।
- उच्च रक्तचाप या गंभीर रीढ़
की समस्याओं से ग्रसित लोग योग गुरु की देखरेख में करें।
निष्कर्ष
दण्डासन एक मूलभूत योगासन है जो दिखने में आसान है लेकिन शरीर की आधारभूत
संरचना को सुधारने में अत्यंत लाभकारी है। इसे अन्य योगासनों की शुरुआत के तौर पर
भी किया जाता है क्योंकि यह शरीर को केंद्रित, स्थिर और सजग बनाता है। नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक संतुलन बेहतर
होता है।