शशकासन क्या है? शशकासन करने की सरल
विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
शशकासन क्या है?
शशकासन (Shashakasana) दो शब्दों से मिलकर बना है —
"शशक" का अर्थ है खरगोश और "आसन" का अर्थ है स्थिति या मुद्रा।
इस आसन में
शरीर की स्थिति एक बैठे हुए खरगोश के समान हो जाती है, इसलिए इसे Rabbit Pose भी कहते हैं। यह एक बहुत ही सरल और शांतिदायक योगासन है, जो विशेष रूप से रीढ़, मन और पेट के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
(क) (ख)
शशकासन
करने की सरल विधि
- (क) वज्रासन में बैठ जाएं (घुटनों
के बल बैठकर एड़ियों पर बैठें)।
(ख) वज्रासन में बैठ के बाद घुटने को
फैला लें।
- दोनों हथेलियों को जांघों पर रखें
और शरीर को सीधा रखें।
- अब गहरी
सांस लें और दोनों हाथों को सिर के ऊपर सीधा उठाएं।
- श्वास
छोड़ते हुए, शरीर को धीरे-धीरे आगे की ओर झुकाएं।
- माथा ज़मीन
से स्पर्श करे और दोनों हाथ आगे की ओर फैले रहें।
- पीठ और हाथ
एक सीध में रहने चाहिए।
- इस स्थिति
में सामान्य रूप से श्वास लेते हुए 20–30 सेकंड तक रहें (या अपनी क्षमता
अनुसार)।
- फिर गहरी
सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस वज्रासन की स्थिति में आ जाएं।
- इस अभ्यास
को 3–5 बार दोहरा सकते हैं।
शशकासन
के विशेष लाभ
- तनाव और
चिंता को कम करता है, मन को शांति देता है।
- रीढ़ की
हड्डी और पीठ के
तनाव को दूर करता है।
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
- सिर में
रक्त प्रवाह बढ़ाकर स्मरण शक्ति और एकाग्रता को तेज करता है।
- गर्दन,
पीठ
और कंधों में जमे तनाव को मुक्त करता है।
- अनिद्रा की समस्या में भी लाभकारी है।
- बच्चों और
वयस्कों दोनों के लिए सरल और सुरक्षित अभ्यास।
शशकासन
करते समय सावधानियाँ
- अगर घुटनों
में दर्द या चोट हो तो सावधानी बरतें या इस आसन से बचें।
- बहुत अधिक
उच्च रक्तचाप (High BP) या चक्कर आने की समस्या हो तो सिर झुकाने
से पहले चिकित्सक से सलाह लें।
- गर्भवती
महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी
गंभीर रीढ़ या कमर की समस्या होने पर योग शिक्षक की निगरानी में करें।
निष्कर्ष
शशकासन एक अत्यंत सरल और प्रभावशाली योगासन है जो मानसिक और शारीरिक विश्राम
के लिए अद्भुत है। यह नियमित अभ्यास से न केवल तनावमुक्त जीवन प्रदान करता है,
बल्कि
शरीर में नई ऊर्जा का संचार भी करता है। शुद्ध विधि और सावधानी के साथ इसका अभ्यास
करने से लाभ निश्चित है।
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