वक्रासन क्या है? वक्रासन करने की सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 वक्रासन क्या है? वक्रासन करने की सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

वक्रासन क्या है?

वक्रासन एक योगासन है, जिसे शरीर को मोड़ने और पेट, पीठ, और कूल्हे की मांसपेशियों को सशक्त बनाने के लिए किया जाता है। यह आसन शरीर को लचीलापन और मजबूती प्रदान करता है और मानसिक शांति भी लाता है।


           वक्रासन (क)                        वक्रासन (ख)

वक्रासन करने की सरल विधि:

1.     सबसे पहले, सुखासन में बैठें यानी पैरों को क्रॉस करके बैठें और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।

2.     अब, अपनी दाहिनी टांग को मोड़ते हुए दाहिने घुटने को जमीन पर रखें, जबकि बाएं पैर को सीधा रखें।

3.     अब, दाहिनी टांग के पैर के पंजे को बाएं घुटने से कुछ दूरी पर रखें।

4.     अब, अपनी दाहिनी हथेली को दाहिनी टांग के घुटने पर रखें और बाएं हाथ को ऊपर उठाकर शरीर के बाएं हिस्से को मोड़ते हुए दाहिने कंधे की ओर देखें।

5.     अपनी मुद्रा में थोड़ी देर तक स्थिर रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को सीधा करते हुए पहले वाली स्थिति में लौटें।

6.     अब इसी प्रक्रिया को दूसरे दिशा में करके बाएं घुटने और कंधे को मोड़ते हुए पुनः वक्रासन करें।

वक्रासन के विशेष लाभ:

1.     पाचन में सुधार: वक्रासन पेट, आंत और जिगर के कार्य को बेहतर बनाता है और पाचन प्रक्रिया को सुदृढ़ करता है।

2.     कमर और रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है: यह आसन रीढ़ की हड्डी और कमर की मांसपेशियों को लचीलापन और मजबूती देता है।

3.     कूल्हों की लचीलापन बढ़ाता है: यह आसन कूल्हों की मांसपेशियों को भी सशक्त बनाता है और लचीलापन बढ़ाता है।

4.     तनाव और मानसिक शांति: यह शरीर को संतुलित करने के साथ-साथ मानसिक शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है।

5.     वजन कम करने में मदद करता है: यह आसन पेट और आसपास के हिस्सों की चर्बी को घटाने में सहायक होता है।

सावधानियाँ:

1.     यदि आपको कमर या पीठ में दर्द है, तो यह आसन ना करें।

2.     गर्भवती महिलाएं इस आसन को ना करें।

3.     यदि आपके पास घुटने या कूल्हे की कोई समस्या है, तो वक्रासन करते समय सावधानी बरतें।

4.     यह आसन किसी प्रशिक्षित योगा शिक्षक की देखरेख में करना बेहतर होता है।

निष्कर्ष:

वक्रासन एक सरल और प्रभावी योगासन है, जो शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। यह पाचन क्रिया को सुधारने, रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने, और मानसिक शांति पाने में मदद करता है। हालांकि, इसे सही विधि से करना आवश्यक है, और जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए।

 

विपरीत वीरभद्रासन क्या है? विपरीत विरभद्रासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

  विपरीत वीरभद्रासन क्या है ? विपरीत विरभद्रासन करने का सरल विधि , विशेष लाभ , सावधानी और निष्कर्ष   विपरीत वीरभद्रासन ( Reverse Warrio...