मयूर आसन क्या है? मयूर आसन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
मयूर आसन (Mayurasana) एक प्राचीन योगासन है जिसमें शरीर को हाथों के बल पर
तौलते हुए मोर के समान मुद्रा बनाई जाती है। "मयूर" का अर्थ है मोर, और इस आसन में शरीर की आकृति एक
मोर जैसी प्रतीत होती है। यह आसन पेट, पाचन और शरीर की शक्ति बढ़ाने के लिए अत्यंत
प्रभावशाली माना जाता है।
मयूर आसन |
🔹 मयूर आसन करने की सरल विधि:
1. सबसे पहले किसी समतल और साफ स्थान
पर योगा मैट बिछा लें।
2. वज्रासन में बैठ जाएं।
3. अब घुटनों को फैलाएं और हाथों को
जमीन पर इस तरह रखें कि हथेलियाँ नीचे की ओर और उंगलियाँ पीछे की ओर रहें।
4. कोहनियों को पेट के दोनों ओर नाभि
के पास टिकाएं।
5. अब धीरे-धीरे शरीर का भार हाथों पर
लेते हुए पैरों को पीछे सीधा कर लें।
6. शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं – पूरा
शरीर सीधा और समानांतर हो।
7. संतुलन बनाते हुए कुछ सेकंड इस
मुद्रा में रहें (शुरुआत में 10–15 सेकंड से
शुरू करें)।
8. फिर धीरे-धीरे पहले घुटनों को जमीन
पर रखें और फिर विश्राम करें।
🔹 मयूर आसन के विशेष लाभ:
1. पाचन शक्ति बढ़ाता है – गैस, कब्ज और एसिडिटी में राहत देता है।
2. लीवर, किडनी और पैंक्रियास को सक्रिय
करता है, जिससे मेटाबोलिज्म अच्छा होता है।
3. डायबिटीज में लाभकारी – पैंक्रियास पर दबाव से इंसुलिन का
स्राव नियंत्रित होता है।
4. हाथों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को
मज़बूत करता है।
5. तनाव और मानसिक बेचैनी को कम करता
है – एकाग्रता बढ़ती है।
6. विषैले तत्वों को बाहर निकालने में
सहायक – शरीर का डिटॉक्स करता है।
🔹 सावधानियाँ (Precautions):
- उच्च
रक्तचाप, हर्निया, ह्रदय
रोग, या पेट
की सर्जरी करवा चुके लोग यह आसन न करें।
- गर्भवती
महिलाओं और माहवारी के दौरान स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- शुरुआती
लोग इसे
प्रशिक्षक की निगरानी में करें, क्योंकि संतुलन बिगड़ने पर चोट लग सकती है।
- आसन
खाली पेट करें
या भोजन के कम से कम 4-5 घंटे
बाद करें।
🔹 निष्कर्ष:
मयूर आसन योग की एक प्रभावशाली मुद्रा है जो पाचन तंत्र को सुधारने, शरीर को शक्ति प्रदान करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक है। यह नियमित रूप से अभ्यास करने पर शरीर में चमत्कारी बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसे सावधानीपूर्वक और सही तकनीक से करना अत्यंत आवश्यक है, विशेषकर यदि आप योग में नए हैं या किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं, तो योग विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेना उचित होगा।
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