बद्ध पद्मासन क्या है? बद्ध पद्मासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
बद्ध पद्मासन (Baddha Padmasana) एक उन्नत योगासन है जिसमें "पद्मासन" (कमलासन) में बैठकर दोनों हाथों को पीछे से पीठ के पीछे ले जाकर पैरों के अंगूठों को पकड़ते हैं। यह आसन ध्यान, प्राणायाम और ध्यानात्मक अभ्यासों के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
बद्ध पद्मासन |
✅ बद्ध पद्मासन करने की सरल विधि:
1. पद्मासन में बैठें:
o दोनों पैरों को क्रॉस करके जांघों
पर रखें (दायां पैर बाएं जांघ पर और बायां पैर दाएं जांघ पर)।
2. हाथों की स्थिति:
o अब अपने दोनों हाथों को पीठ के
पीछे ले जाएं।
o दाहिने हाथ से बाएं पैर के अंगूठे
को और बाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें।
o रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
3. सिर और दृष्टि:
o सिर को सीधा रखें या थोड़ा आगे झुका
सकते हैं (जालंधर बंध)।
o दृष्टि नाक के अग्रभाग या आंखें
बंद करके ध्यान केंद्रित करें।
4. समय:
o शुरुआत में 1–2 मिनट तक इस स्थिति में रहें।
o अभ्यास बढ़ने पर 5–10 मिनट या उससे अधिक समय तक भी कर
सकते हैं।
🌿 बद्ध पद्मासन के विशेष लाभ:
1. शारीरिक लाभ:
o रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है, जिससे पोस्चर सुधरता है।
o जांघों, घुटनों और कंधों की लचीलापन बढ़ती
है।
o पेट, पीठ और छाती की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
2. मानसिक लाभ:
o मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित
करने में सहायक।
o तनाव, चिंता और अनिद्रा में राहत।
3. आंतरिक लाभ:
o पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है।
o रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाता है।
o प्राणायाम और ध्यान अभ्यास के लिए
अनुकूल स्थिति देता है।
⚠️ सावधानियां:
- जिनको
घुटनों, कंधों
या पीठ में दर्द हो, वे यह
आसन डॉक्टर या योग्य योग प्रशिक्षक की सलाह से करें।
- बिना
उचित लचीलापन के जबरदस्ती अंगूठे पकड़ने की कोशिश न करें।
- यदि आप
पद्मासन में नहीं बैठ सकते, तो पहले उसका अभ्यास करें।
- गर्भवती
महिलाएं यह आसन न करें।
🔚 निष्कर्ष:
बद्ध
पद्मासन योग का एक प्रभावशाली और
ध्यानात्मक आसन है जो मानसिक स्थिरता और शारीरिक लचीलापन दोनों को बढ़ावा देता है।
यह उन्नत स्तर का आसन है, इसलिए इसे धीरे-धीरे अभ्यास के साथ
अपनाना चाहिए। नियमित अभ्यास से यह मन और शरीर को संतुलित करता है और आध्यात्मिक
प्रगति में सहायक होता है।
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