उत्तान मंडूकासन क्या है? उत्तान मंडूकासन करने की सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
उत्तान मंडूकासन क्या है?
उत्तान
मंडूकासन (Uttana
Mandukasana) दो शब्दों
से मिलकर बना है — "उत्तान" यानी "ऊपर उठा हुआ" और "मंडूक" यानी "मेंढक"।
इस आसन में
शरीर मेंढक के फैलाए हुए आकार जैसा दिखाई देता है, इसलिए इसे "फैला हुआ मेंढक मुद्रा" भी कहा जाता है। यह मंडूकासन
का एक उन्नत रूप है, जो कंधों, छाती और पेट पर विशेष प्रभाव डालता है।
उत्तान मंडूकासन |
उत्तान मंडूकासन करने की सरल विधि
- सबसे पहले वज्रासन में बैठ
जाएं।
- दोनों घुटनों को थोड़ा फैलाएं, ताकि घुटनों के बीच जगह बन
जाए।
- अब दोनों हाथों को कंधे के
समानांतर ऊपर उठाएं।
- फिर कोहनियों को मोड़कर दोनों
हथेलियों को कंधों पर रखें (जैसे बाहें पीछे मुड़ी हों)।
- कोहनियाँ भी आसमान की ओर उठी
हों और छाती खुली हुई हो।
- इस स्थिति में सामान्य रूप से
श्वास लेते रहें।
- 20–30 सेकंड (या अपनी क्षमता
अनुसार) इस मुद्रा में रहें।
- फिर धीरे-धीरे वापस वज्रासन
में आ जाएं।
- इसे 3–5 बार दोहराया जा सकता है।
उत्तान मंडूकासन के विशेष लाभ
- छाती, फेफड़ों और कंधों को खोलता है, जिससे श्वसन तंत्र मजबूत होता
है।
- रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है।
- पाचन और लिवर की क्रिया को बेहतर करता है।
- तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।
- डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद
है।
- थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन
में सहायक हो सकता है।
- कमर, जांघों और कूल्हों में अच्छा खिंचाव देता है।
उत्तान मंडूकासन करते समय सावधानियाँ
- यदि घुटनों, कूल्हों या कंधों में चोट हो
तो यह आसन न करें।
- अत्यधिक मोटापे वाले या
जोड़ों के दर्द से परेशान व्यक्ति सावधानी से करें।
- गंभीर पीठ दर्द, हर्निया, या हाल की सर्जरी के बाद इस
आसन से बचें।
- उच्च रक्तचाप या हृदय रोग के
मरीज डॉक्टर की सलाह लेकर करें।
- अभ्यास करते समय झटके से न
झुकें और शरीर पर अनावश्यक दबाव न डालें।
निष्कर्ष
उत्तान
मंडूकासन शरीर को खोलने और ऊर्जा प्रवाह को
बढ़ाने वाला एक अत्यंत शक्तिशाली आसन है। यदि इसे सही तरीके और सावधानी के साथ
नियमित किया जाए तो यह शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक संतुलन में भी अद्भुत
लाभ देता है। योग की अन्य मुद्राओं के साथ इसका संयोजन करने से संपूर्ण स्वास्थ्य
में सुधार आ सकता है।
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