भुज पीड़ासन क्या है? भुज पीड़ासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष
भुज पीड़ासन
क्या है?
भुज पीड़ासन (Bhuja Peedhasana) एक पारंपरिक योग आसन है, जो मुख्य रूप से हाथों, कंधों और पेट की मांसपेशियों को
मजबूत करने में मदद करता है। इसका नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है:
- "भुज" का
अर्थ है "बाहें"
- "पीड़" का
अर्थ है "दबाव या भार"
- "आसन" का
अर्थ है "स्थित होना या मुद्रा"
इस आसन में
शरीर का भार हाथों पर होता है, और पूरे
शरीर को ऊपर उठाया जाता है।
भुज पीड़ासन |
🌿 भुज पीड़ासन करने की सरल विधि (Step-by-step Method)
1. प्रारंभिक
स्थिति:
·
सबसे
पहले दंडासन में बैठ जाएँ, फिर
पद्मासन (Lotus Pose) में
आ जाएँ। यदि पद्मासन कठिन लगे, तो
सामान्य क्रॉस लेग में भी शुरू किया जा सकता है।
2. हथेलियाँ
जमीन पर रखें:
·
अपने
दोनों हाथों को पीछे की ओर, नितम्बों
के पास ज़मीन पर रखें। हथेलियाँ नीचे की ओर और अंगुलियाँ आगे की ओर रहें।
3. शरीर
उठाना:
·
सांस
भरते हुए अपने शरीर को हथेलियों के सहारे ज़मीन से ऊपर उठाएँ। शरीर का पूरा वजन
हाथों पर आना चाहिए।
4. संतुलन
बनाना:
·
अब
दोनों पैरों को धीरे-धीरे ज़मीन से ऊपर उठाकर हवा में संतुलित करें। शरीर को हाथों
पर टिकाए रखें और पीठ को सीधा रखें।
5. दृष्टि
और श्वास:
·
दृष्टि
आगे रखें और सांस सामान्य रखें। इस स्थिति में 5-10 सेकंड या अपने सामर्थ्य के अनुसार
रुकें।
6. वापसी:
·
धीरे-धीरे
पैरों को नीचे रखें और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएँ।
✅ भुज पीड़ासन के विशेष लाभ (Benefits)
- हाथों
और कंधों की ताकत बढ़ाता है
- यह
आसन भुजाओं और कंधों की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- कोर (core) मसल्स
को सक्रिय करता है
- पेट, कमर और नाभि क्षेत्र की ताकत
बढ़ती है।
- संतुलन
और एकाग्रता में सुधार
- शरीर
का संतुलन बनाए रखने के लिए मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।
- पाचन
तंत्र को उत्तेजित करता है
- पेट
पर दबाव पड़ने से आंतों की गतिविधि में सुधार होता है।
- नर्वस
सिस्टम को शांत करता है
- नियमित
अभ्यास से मन और मस्तिष्क में स्थिरता आती है।
⚠️ सावधानियां (Precautions)
- हाथ, कंधे
या कलाई में चोट हो तो यह आसन न करें।
- हाई
ब्लड प्रेशर या हृदय रोग वाले व्यक्ति चिकित्सक की सलाह लें।
- गर्भवती
महिलाएं यह आसन न करें।
- आरंभ
में किसी प्रशिक्षक की निगरानी में ही अभ्यास करें।
- अधिक
प्रयास कर शरीर पर अत्यधिक दबाव न डालें।
🔚 निष्कर्ष (Conclusion)
भुज पीड़ासन एक प्रभावशाली योग मुद्रा है जो न केवल
शारीरिक ताकत, बल्कि मानसिक संतुलन और स्थिरता भी
प्रदान करती है। यह शरीर के ऊपरी भाग को मजबूत करने और कोर को सक्रिय करने का
बेहतरीन तरीका है। हालांकि इसे करते समय सावधानी आवश्यक है, विशेषकर शुरुआती लोगों के लिए।
धीरे-धीरे अभ्यास करते हुए, इसे अपनी योग दिनचर्या में शामिल
किया जा सकता है। विशेषकर यदि आप योग में
नए हैं या किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं, तो योग
विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेना उचित होगा।
No comments:
Post a Comment