Wednesday, July 30, 2025

सिंहासन क्या है? सिंहासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 सिंहासन क्या है? सिंहासन करने का सरल विधि, विशेष लाभ, सावधानी और निष्कर्ष

 

सिंहासन (Simhasana) — "सिंह की मुद्रा" एक योगासन है जिसमें व्यक्ति शेर की तरह बैठकर गरजने जैसी क्रिया करता है। यह आसन गले, चेहरे और श्वसन तंत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। इसे Lion Pose भी कहा जाता है।

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🧘 सिंहासन क्या है?

        सिंहासन एक पारंपरिक योग मुद्रा है जिसमें व्यक्ति वज्रासन या पद्मासन जैसी स्थिति में बैठता है, जीभ को बाहर निकालकर "हाऽऽ" जैसी ध्वनि करता है जैसे सिंह दहाड़ रहा हो। यह आसन मन, गले और चेहरे के तनाव को कम करता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।

 सिंहासन 

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सिंहासन करने की सरल विधि (Step-by-Step)

  वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।

  दोनों हथेलियों को घुटनों पर रखें, अंगुलियां फैली हों, पंजे बाहर की ओर।

  रीढ़ सीधी रखें, आंखें सामने की ओर।

  गहरी सांस लें।

  सांस छोड़ते हुए:

    मुंह पूरी तरह खोलें।

    जीभ को जितना संभव हो बाहर निकालें (ठुड्डी तक लाने का प्रयास करें)

    आंखें ऊपर (भ्रूमध्य) या नाक की नोक की ओर टिकाएं।

    गले से ज़ोरदार हाऽऽऽ की आवाज़ निकालें (सिंह की गर्जना की तरह)

  सामान्य मुद्रा में लौट आएं और दोहराएं।

  यह क्रिया 3-5 बार दोहराएँ।

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🌟 सिंहासन के विशेष लाभ

  गले और स्वरयंत्र की शक्ति बढ़े:गायक, वक्ता, शिक्षक आदि के लिए अत्यंत उपयोगी।

  चेहरे की सुंदरता चमक बढ़े: रक्त संचार बढ़ने से त्वचा में निखार आता है।

  तनाव और क्रोध में राहत: "हाऽऽ" करने से मानसिक तनाव निकलता है।

  थायरॉयड ग्रंथि को सक्रिय करे: गले की मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है।

  बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाए: संकोच और झिझक कम होती है।

  नेत्र शक्ति में सहायक: आँखों की स्थिति और एकाग्रता बढ़ती है।

  श्वसन प्रणाली में सुधार: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।

  मुंहासे, गले की खराश, टॉन्सिल जैसी समस्याओं में लाभकारी।

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⚠️ सावधानियाँ

उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले सावधानी से करें।

आँखों में गंभीर समस्या हो तो आंख ऊपर घुमाने से बचें।

थायरॉइड की गंभीर समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

ज़ोर से हाऽऽ करने में मुँह और गले को ज़्यादा खींचें।

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🧾 निष्कर्ष

सिंहासन एक सरल लेकिन प्रभावशाली योगासन है जो केवल गले और चेहरे की मांसपेशियों को सशक्त करता है, बल्कि मानसिक तनाव को भी दूर करता है। इसे नियमित रूप से करने से आत्म-विश्वास, स्वर स्पष्टता और आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। विशेष सावधानियों का पालन करते हुए यह आसन हर उम्र के व्यक्ति कर सकते हैं। यदि आप योग में नए हैं या किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैंतो योग विशेषज्ञ से मार्गदर्शन लेना उचित होगा।

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