पद्मासन क्या है? पद्मासन करने की विधि, लाभ, सावधानी व निष्कर्ष
पद्मासन क्या है?
पद्मासन, जिसे 'लोटस पोज़' भी कहा जाता है, योग की एक प्रमुख मुद्रा है। इस आसन में बैठने पर शरीर की आकृति कमल के समान
प्रतीत होती है, इसलिए इसे पद्मासन नाम दिया गया
है। यह ध्यान और प्राणायाम के अभ्यास
के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।
पद्मासन |
पद्मासन करने की विधि:-
- स्थान चुनें:
- शांत, स्वच्छ और हवादार स्थान पर
योगा मैट बिछाएं।
- बैठने की स्थिति:
- पैरों को सामने फैलाकर बैठें
और रीढ़ को सीधा रखें।
- पैरों की स्थिति:
- दाएं पैर को मोड़ें और उसके
पंजे को बाईं जांघ के ऊपर रखें, एड़ी पेट के निचले हिस्से के पास हो।
- अब बाएं पैर को मोड़ें और
उसके पंजे को दाईं जांघ के ऊपर रखें, एड़ी पेट के निचले हिस्से के पास हो।
- हाथों की मुद्रा:
- हाथों को घुटनों पर रखें, ज्ञान मुद्रा (अंगूठा और
तर्जनी को मिलाकर) या ध्यान मुद्रा में।
- मुद्रा और एकाग्रता:
- सिर और रीढ़ को सीधा रखें, आंखें बंद करें और सांसों पर
ध्यान केंद्रित करें।
- अवधि:
- शुरुआत में 1-5 मिनट तक इस आसन में बैठें, अभ्यास बढ़ने पर समय बढ़ा
सकते हैं।
पद्मासन के लाभ:-
- मानसिक शांति और ध्यान: यह आसन मन को शांत करता है और
ध्यान में सहायता करता है।
- रीढ़ की मजबूती: रीढ़ की हड्डी को सीधा और
मजबूत बनाता है।
- पाचन में सुधार: पाचन तंत्र को सक्रिय करता है
और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत देता है।
- रक्त संचार में वृद्धि: पैरों में रक्त प्रवाह को
संतुलित करता है, जिससे पैरों की समस्याएं कम
होती हैं।
- तनाव और चिंता में कमी: नियमित अभ्यास से तनाव और
चिंता कम होती है।
- मासिक धर्म में राहत: महिलाओं में मासिक धर्म के
दौरान होने वाली असुविधा को कम करता है।
सावधानियां:-
- घुटनों या टखनों में दर्द: यदि घुटनों या टखनों में दर्द
या चोट है, तो इस आसन से बचें।
- साइटिका या कमर दर्द: साइटिका या कमर दर्द की
समस्या होने पर इस आसन को न करें।
- आरंभिक कठिनाई: शुरुआत में पैरों में लचीलापन
न होने पर जोर न दें; धीरे-धीरे अभ्यास करें।
- चिकित्सकीय परामर्श: यदि कोई चिकित्सकीय समस्या है, तो योग विशेषज्ञ या चिकित्सक
से सलाह लें।
निष्कर्ष:-
पद्मासन एक
प्रभावशाली योग मुद्रा है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। नियमित अभ्यास से ध्यान, पाचन, और मानसिक शांति में सुधार होता है।
No comments:
Post a Comment